Telegram Ban In India: भारत में Telegram की कहानी खत्म? CEO की गिरफ्तारी के बाद बड़ा सवालक्या आप जानते हैं कि WhatsApp, Telegram जैसे ऐप्स पर सरकार का कोई नियंत्रण नहीं होगा? हाल ही में दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) ने यह स्पष्ट कर दिया है। आइए इस मुद्दे को विस्तार से समझते हैं।
क्यों उठा यह सवाल?
दूरसंचार ऑपरेटरों (Telecom operators) का मानना है कि WhatsApp, Telegram जैसी सेवाओं के लिए भी वही नियम लागू होने चाहिए जो उनके लिए हैं। वे चाहते हैं कि इन ऐप्स पर भी सरकार का नियंत्रण हो। लेकिन दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) का कहना है कि ऐसा नहीं होगा।
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दूरसंचार विभाग ने क्या कहा?
- नए टेलीकॉम कानून के मुताबिक, WhatsApp, Telegram जैसी सेवाएं दूरसंचार सेवाओं की कैटेगरी में नहीं आती हैं।
- यह कानून मेन रूप से उन कंपनियों को नियंत्रित करने के लिए बना है जो हमें मोबाइल नेटवर्क प्रदान करती हैं।
- दूरसंचार की परिभाषा थोड़ी मुश्किल है, इसलिए इस पर अलग-अलग लोग अलग-अलग तरह से विचार करते हैं।
- दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunications) का साफ कहना है कि वह इन ऐप्स पर कोई नियंत्रण नहीं लगाना चाहता।
क्यों नहीं आते ये ऐप्स दूरसंचार सेवाओं की कैटेगरी में?
- जब हम WhatsApp पर कोई मैसेज भेजते हैं, तो वो डेटा पैकेट के रूप में जाता है।
- इन पैकेट्स को स्विच करने का काम हमारी मोबाइल कंपनियां करती हैं, जिनके लिए हम पहले से ही पैसे देते हैं।
- असल में, ये सेवाएं मोबाइल कंपनियां ही प्रदान कर रही हैं।
तो फिर इन ऐप्स पर कौन करेगा नियंत्रण?
अगर इन ऐप्स पर किसी तरह का नियंत्रण लगाना है, तो यह फैसला इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics and IT) लेगा। हो सकता है कि इन ऐप्स को किसी और कानून के तहत नियंत्रित किया जाए, जैसे कि ‘डिजिटल इंडिया अधिनियम’ (Digital India Act)।
टेलीकॉम कंपनियों का क्या कहना है?
टेलीकॉम कंपनियों (Telecom Companies) का मानना है कि इन ऐप्स को भी उनके जैसा ही माना जाना चाहिए और इन पर भी सरकार का नियंत्रण होना चाहिए।
फिलहाल, WhatsApp, Telegram जैसे ऐप्स पर सरकार का कोई सीधा नियंत्रण नहीं होगा। लेकिन भविष्य में इस बारे में कोई भी फैसला इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (Ministry of Electronics and IT) लेगा।