Daily Smachaar, Punjab | FSSAI Bans A1 A2: भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) ने हाल ही में एक जरूरी आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने ‘A1’ और ‘A2’ दूध और दूध उत्पादों के दावों को भ्रामक बताते हुए इन्हें तुरंत हटाने का निर्देश दिया है। FSSAI का कहना है कि ये दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 के अनुरूप नहीं हैं और इससे यूजर्स को गलत जानकारी मिल रही है।
A1 और A2 दूध के दावे क्या हैं?
A1 और A2 दूध के बीच का अंतर बीटा-केसीन प्रोटीन की बनावट से जुड़ा हुआ है, जो गाय की नस्ल पर निर्भर करता है। A1 दूध में यह प्रोटीन अलग तरह की बनावट में होता है जबकि A2 दूध में इसकी बनावट अलग होती है। कुछ कंपनियों ने A1 और A2 दूध के स्वास्थ्य लाभ के दावे किए हैं, जो FSSAI के अनुसार झूठा हैं।
FSSAI का आदेश
FSSAI ने अपने ताजा आदेश में कहा है कि कंपनियों को अपने उत्पादों और पैकेटों से A1 और A2 दूध के दावों को हटा देना चाहिए। यह आदेश विशेष रूप से ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए है, जो इन दावों को अपने प्लेटफार्मों से हटाने के लिए निर्देशित की गई हैं। FSSAI ने कंपनियों को पहले से ब्रांडिंग लेबल को खत्म करने के लिए छह महीने का समय दिया है। इसके बाद, किसी भी प्रकार के गुमराह करने वाले दावों को जारी रखने की अनुमति नहीं होगी।
FS SAI के इस आदेश का स्वागत करते हुए पराग मिल्क फूड्स के चेयरमैन देवेंद्र शाह ने कहा कि यह कदम सही दिशा में उठाया गया है। उन्होंने बताया कि A1 और A2 दूध के दावे मार्केटिंग के उद्देश्यों से बनाए गए थे और इससे यूजर्स को गलत जानकारी मिल रही थी। उन्होंने यह भी कहा कि यह ट्रेंड अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी समाप्त हो रही है, और FSSAI का स्पष्टीकरण को सही ठहराता है।